Wednesday, November 19, 2008

आगाज़


मैंने आगाज़ में अंजाम की बातें की हैं
गर समझ लो तो बड़े काम की बातें की हैं

सुबहे रोशन की कभी शाम की बातें की हैं
इस तरह गर्दिश-ऐ-अय्याम की बातें की हैं

वही जज्बा जो मोहब्बत का अमीं होता है
हाँ उसी जज्बा-ऐ-नाकाम की बातें की हैं

हम सुना बैठे हैं अफसाना-ऐ-कौनैन उन्हें
और कहने को फ़क़त नाम की बातें की हैं

चाँद मोहूम उम्मीदों का सहारा लेकर
आज उनसे दिल-ऐ-नाकाम की बातें की हैं

काँप उठी है मेरी दुनिया-ऐ-मोहब्बत ऐ दोस्त !
दिल से जब इश्क के अंजाम की बातें की हैं

मै गुज़र आया हर एक केफियते मय से जकी
वह समझते हैं कि बस जाम कि बातें की हैं

---------महमूद जकी

46 comments:

makrand said...

मै गुज़र आया हर एक केफियते मय से जकी
वह समझते हैं कि बस जाम कि बातें की हैं
bahut khub
regards

रंजू भाटिया said...

मैंने आगाज़ में अंजाम की बातें की हैं
गर समझ लो तो बड़े काम की बातें की हैं

बढ़िया

भूतनाथ said...

काँप उठी है मेरी दुनिया-ऐ-मोहब्बत ऐ दोस्त !
दिल से जब इश्क के अंजाम की बातें की हैं


लाजवाब ! शुभकामनाएं !

ताऊ रामपुरिया said...

मै गुज़र आया हर एक केफियते मय से जकी
वह समझते हैं कि बस जाम कि बातें की हैं

बेहतरीन ! धन्यवाद !

"अर्श" said...

bahot hi sundar bhav bhari hui ghazal wah maza aagaya..... aapko dhero badhai ..........

regards

हरकीरत ' हीर' said...

अच्‍छी लगीं आपकी गजलें जकी जी , भाषा को थोडा सहज कर लें तो शायद पाठक ज्‍यादा पसंद करें...

Dr. G. S. NARANG said...

mai gujar aayaa.........bahut khoob sir.

PREETI BARTHWAL said...

हम सुना बैठे हैं अफसाना-ऐ-कौनैन उन्हें
और कहने को फ़क़त नाम की बातें की हैं
वाह बहुत ही खूबसूरत

Straight Bend said...

Due to the firewall restriction I have throughout the day, I can access blog but not the comments section. Can I have your email id to send my comments?

RC

Straight Bend said...
This comment has been removed by a blog administrator.
नीरज गोस्वामी said...

वही जज्बा जो मोहब्बत का अमीं होता है
हाँ उसी जज्बा-ऐ-नाकाम की बातें की हैं
क्या बात है जनाब...वाह वा...लाजवाब ग़ज़ल...
नीरज

राज भाटिय़ा said...

मै गुज़र आया हर एक केफियते मय से जकी
वह समझते हैं कि बस जाम कि बातें की हैं
बहुत ही खुब सुरत,बहुत ही उम्दा.
धन्यवाद

neera said...

खूब सारी बातें कहते कहते आपने एक सुंदर ग़ज़ल कही है

Ankit said...

अच्छी ग़ज़ल है.

chandramani mishra said...

wahhhhhhhhhhhhh ek he sabd hai mere pass........ati sunder.

बवाल said...

क्या बात है डॉक्टर साहब अहा. मज़ा आ गया. बहुत लाजवाब ख़याल. और ग़ज़ल का मक्ता बेहतरीन है साहब. वाह वाह ! मुलाक़ात होती रहेगी अब.

योगेन्द्र मौदगिल said...

बढ़िया रचना के लिये बधाई स्वीकारें मेरे भाई

BrijmohanShrivastava said...

नजर साहेब -इसमें दो तीन कठिन शब्द आगये हैं उनके माने लिख देते तो अच्छा था

प्रदीप मानोरिया said...

मै गुज़र आया हर एक केफियते मय से जकी
वह समझते हैं कि बस जाम कि बातें की हैं
बहुत सुंदर प्रस्तुति

Aruna Kapoor said...

आपका अंदाज्-ए-बयां क्या खूब काबिल्-ए-तारीफ है


शुक्रिया!..आपने बुलाया और हम हुए यहां शरीक है।

Anonymous said...

चाँद मोहूम उम्मीदों का सहारा लेकर
आज उनसे दिल-ऐ-नाकाम की बातें की हैं
.......Kya bat kahi hai Janab.Ham to apke kayal ho gaye !!

मनीषा said...

honge koi aur jo samjhte honge aakho ki juban ,
unko to ye laga humne faqat zaban se baate ki hai.
bahut hi umda janab, shukriya.

Dev said...

मै गुज़र आया हर एक केफियते मय से जकी
वह समझते हैं कि बस जाम कि बातें की हैं

Great Gazal....
Regards

Satish Saxena said...

बहुत सुंदर ब्लाग और उससे अधिक खूबसूरत आपके विचार !शुभकामनायें !

sandhyagupta said...

Bahut khub.

अभिषेक मिश्र said...

Jam se anjam tak, bahut khoob likha hai.

अनुपम अग्रवाल said...

आपने की दिल-ऐ-नाकाम की सारी बातें
औ हम समझे कि ईनाम की बातें की हैं

कडुवासच said...

काँप उठी है मेरी दुनिया-ऐ-मोहब्बत ऐ दोस्त !
दिल से जब इश्क के अंजाम की बातें की हैं
... बहुत ही प्रभावशाली व प्रसंशनीय अभिव्यक्ति है।

विक्रांत बेशर्मा said...

मै गुज़र आया हर एक केफियते मय से जकी
वह समझते हैं कि बस जाम कि बातें की हैं


बहुत खूब !!!!!!!

vangmyapatrika said...

बहुत खूब .http://vangmaypatrika.blogspot.com
http://rahimasoomraza.blogspot.com

Akanksha Yadav said...

नया साल...नया जोश...नई सोच...नई उमंग...नए सपने...आइये इसी सदभावना से नए साल का स्वागत करें !!! नव वर्ष-२००९ की ढेरों मुबारकवाद !!!

BrijmohanShrivastava said...

नव वर्ष के आगमन पर मेरी ओर से शुभकामनाएं स्वीकार कर अनुग्रहीत करें

अभिन्न said...

शुभ नव वर्ष २००९ आपको सपरिवार मंगलकामनाएं

Aruna Kapoor said...

'Aagaaj' ne man moh liyaa hai janaab!.... bahut sunder rachanaa se aapane rubaru karaaya hai; dhanyawaad|... nav varsh ki dhheron shubh-kaamanaayen!

sandhyagupta said...

Aapko bhi nav varsh par hardik shubkmnayen.

अनुपम अग्रवाल said...

WISH HAPPY 2009
DIMINISHED 2008 YEAR
BUT MADE PATH MORE CLEAR
THE PATH WAS FULL OF FEAR
EASED WITH FRIENDS AND DEAR
SOMETIMES THERE WERE TEARS
BUT WE ALSO SANG WITH CHEERS.
WISH YOU & YOUR FAMILY
HAPPY MEMORIES OF BYGONE YEAR
&
GREAT BEGINNING OF 2009 YEAR
TO PREVAIL THROUGHOUT YEAR
happy new year

राजीव करूणानिधि said...

unke dekhe se jo aajati hai muh pe raunak...
wo samjhlete hain bimaar ka haal achcha hai...

sundar khayaalat hain, barkaraar rakhiye. badhai naye saal ki

daanish said...

देहरादून से छपने वाली पत्रिका "सरस्वती-सुमन" का ग़ज़ल विशेषांक आया है .
आपकी पारखी नजरों से गुज़र जाए तो उसके वक़ार में इज़ाफा हो..
पता है : डॉ आनंद सुमन सिंह, मुख्या सम्पादक ,
सरस्वती सुमन , १-छिबर मार्ग , आर्य नगर , देहरादून .
फ़ोन : ०९४१२० ०९००० .

Arshia Ali said...

नये साल की मुबारकबाद कुबूल फरमाऍं।

admin said...

वही जज्बा जो मोहब्बत का अमीं होता है
हाँ उसी जज्बा-ऐ-नाकाम की बातें की हैं

काँप उठी है मेरी दुनिया-ऐ-मोहब्बत ऐ दोस्त !
दिल से जब इश्क के अंजाम की बातें की हैं

मै गुज़र आया हर एक केफियते मय से जकी
वह समझते हैं कि बस जाम कि बातें की हैं

खूबसूरत शेर हैं, मुकारकबाद कुबूल फरमाऍं।

अभिषेक मिश्र said...

काँप उठी है मेरी दुनिया-ऐ-मोहब्बत ऐ दोस्त !
दिल से जब इश्क के अंजाम की बातें की हैं
Khub likha hai aapne. Swagat.

* મારી રચના * said...

bahut hi badhiya.. kaash hum bhi itni saaf hindi aur urdu likh sakte..

sandhyagupta said...

Holi ki hardik shubkamnayen.

Science Bloggers Association said...

आगाज में अन्जाम की बातों के बहाने आपने बडी गहरी बातें बयाँ कर दी हैं। मुबारकबाद।
----------
जादू की छड़ी चाहिए?
नाज्का रेखाएँ कौन सी बला हैं?

Aadarsh Rathore said...

डॉक्टर साहब लंबे समय से आपने कुछ लिखा नहीं?

फ़िरदौस ख़ान said...

मैंने आगाज़ में अंजाम की बातें की हैं
गर समझ लो तो बड़े काम की बातें की हैं

सुबहे रोशन की कभी शाम की बातें की हैं
इस तरह गर्दिश-ऐ-अय्याम की बातें की हैं

bahut khoob...