आज दिवाली है फिर दीप जलेंगे साथी
जगमगाएगा नई शान से भारत अपनारूप बदलेगी नए ढंग से मोहब्बत अपना
तेरे शायर को नए गीत मिलेंगे साथी
काश ये दीप हर एक दिल में उजाला कर दें
इन के जलने से जहालत के अंधेरे जल जाएँ
इनकी खुशियों से ज़माने को सवेरे मिल जाएँ
काश इज्ज़त को वतन की ये दो बाला कर दें
दिल के अरमान तुझे आज बताऊँ साथी
काश अल्फाज़ में पैदा ये असर हो जाए
काश दिवाली की ये रात अमर हो जाए
और में तुझको यूँ ही गीत सुनाऊँ साथी
गीत से मेरे ये महफिल ही निराली हो जाए
यूँ अगर हो तो हकीक़त ही दिवाली हो जाए
--------महमूद जकी
आप सभी को दिवाली मुबारक