Thursday, May 29, 2008
नज़रिये का मक़सद
हर इंसान अपनी ज़िंदगी को अपने अंदाज़ में जीता है और उसके अपने तजुर्बे होते हैं उनका सामना करने के। इन्ही तजुर्बों को मद्देनज़र रखते हुए उसका एक नज़रिया बनता है। इस ब्लॉग मे मुमकिन है आपको अपने तजुर्बे दिखाई दें, पर एक अलग नज़रिये के साथ, क्यूंकि यह नज़रिया मेरा है। मेरा मानना है कि ज़िंदगी की दिलचस्प और सबक देने वाली घटनाओं को आपस मे बांटते हुए ही इंसानी ज़िंदगी ने यह तरक्की की है जिसका हम लोग मज़ा ले रहें है। तरक्की के इसी सिलसिले को आगे बढाने के क्रम मे इस ब्लॉग की उत्पति हुई है।
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